नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा। अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥ स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥ हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥ वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥ भजन: शिव शंकर को https://shivchalisas.com