त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥ शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला. अर्थ- हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता https://travisalzla.win-blog.com/9811825/5-essential-elements-for-shiv-chalisa-lyrics-in-gujarati-pdf